Friday, October 6, 2017

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Na Jaane Kyon Tera Milkar Bichhadna by Attaullah Khan with Lyrics - Popular Sad Song








इंटर में सेकेंड डिवीजन, दिल्ली गये, एक कमरे में तैयारी की और साथ बने IAS


PATNA : ...
कोई इंसान चाहे कितना भी साधारण क्यों न हो, उसके अंदर भी कई खूबियां छिपी होती हैं। जो इन खूबियों को पहचान कर जागृत कर लेता है, सफलता उसके कदम चूमने लगती है। ये कहानी है बिहार के दो ऐसे दोस्तों की जो फोर्थ ग्रेड नौकरी की परीक्षा भी पास नहीं कर कर सके थे लेकिन कुछ ऐसा चमत्कार हुआ कि बाद में IAS बन गये।
सेकेंड डिवीजन से इंटर पास करने के बाद आम तौर पर कोई छात्र बड़े सपने नहीं देखता। उसे कोई साधारण नौकरी भी मिल जाए तो बहुत बड़ी बात समझता है। निराशा के इस दौर में अगर कोई हिम्मत दिला दे तो बात बदलते देर नहीं लगती। खगड़िया के सावन कुमार और मधेपुरा के आदित्य कुमार ऐसे छात्र रहे हैं बिहार के लाखों विद्यार्थियों के लिए प्रेरणाश्रोत हैं। इनकी कामयाबी की कहानी बेमिसाल है।

सावन कुमार ने खगड़िया जिले के एक गांव से मैट्रिक की परीक्षा 65 फीसदी अंकों के साथ पास की थी। इंटर में उनका रिजल्ट खराब हो गया। इंटर में सावन को केवल 50 फीसदी अंक ही मिले। वे रेलवे के ग्रुप डी (फोर्थ ग्रेड) की परीक्षा की तैयारी करने लगे। सावन के पिता बस कंडक्टर थे। घर की माली हालत खराब थी। सावन किसी तरह कोई छोटी सरकारी नौकरी भी हासिल करना चाहते ताकि घर चलाने में वे पिता की मदद कर सकें। इंटर के रिजल्ट को देख कर वे कोई बड़ा सपना नहीं देखते थे।
प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के दौरान सावन की दोस्ती मधेपुरा के आदित्य कुमार के साथ हुई। आदित्य का रिजल्ट भी औसत ही था। उनके पिता छोटे किसान थे और बुनकरी का काम बी करते थे। वे भी रेलवे की ग्रुप डी की परीक्षा की तौयारी कर रहे थे। जब इतनी छोटी नौकरी की परीक्षा में भी दोनों पास नहीं कर पाये तो वे निराश हो गये। 2010 की बात है। एक दिन आदित्य ने सावन को दिल्ली चलने के लिए कहा।

दिल्ली जाकर प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी की योजना बनायी। सावन इस प्रस्ताव से कोई बहुत उत्साहित नहीं हुए लेकिन वे आदित्य के साथ दिल्ली जाने के लिए राजी हो गये।
सावन और आदित्य दिल्ली पहुंचे। दोनों एक कमरे में रह कतर तैयारी करने लगे। दोनों 2011 की UPSC परीक्षा में शामिल हुए। लेकिन दोनों PT पास नहीं कर सके। अब तो निराश चरम पर पहुंच गयी । घर की आर्थिक हालत ऐसी नहीं थी कि वे बहुत दिनों तक दिल्ली में जमे रहते। आदित्य UPSC की परीक्षा में अंग्रेजी में दो बार फेल हो चुके थे। लेकिन इस मुश्किल वक्त में आदित्य कुमार ने गजब की हिम्मत दिखायी।

उन्होंने सावन को कहा कि अब हर हाल में UPSC करना है। जब कि सावन फिर से फोर्थ ग्रेड की नौकरी खोजने के बारे में सोचने लगे थे।
सावन और आदित्य ने मैथिली विषय के साथ UPSC की तैयारी नये सिरे से शुरू की। 2015 में आखिर वह चमत्कार हो ही गया जिसके लिए सावन और आदित्य पिछले चार साल से पसीना बहा रहे थे। दोनों का चयन IAS के लिए हो गया। अब किस्मत देखिए जिन दो छात्रों को रेलवे में खलासी की नौकरी भी नहीं मिली वे IAS के प्रतिष्ठित पद पर पहुंच गये।