Monday, May 23, 2016

फ्री सेक्स : औरत के लिए सहमति का हक, आदमी के लिए जबर का हक

फ्री सेक्स का सीधा साधारण अर्थ अपने साथी की सहमति असहमति की इज्जत करना भर है...

लेकिन, ये बात वही समझेगा, जो इस किस्म की सहमति को लेने का आदि रहा हो. या इसे सही समझता हो. भारत जहाँ पिता बेटी से शादी की सहमति तक नहीं लेता, वहाँ पति अपनी बीवी की इच्छा का स्वागत करेगा ही, एक ख्वाब के अलावा कुछ नहीं लगता.

मुख्य बात ये है कि आम तौर पर भारत वैवाहिक संबंधो में सेक्स सहमति लेने का आदी रहा ही नहीं. विवाह संबंधो में सेक्स को भी पति का जायज हक बना दिया गया है.

एक वीडियो देखा, उसमें दिखा रहे हैं कि लड़की मायके वालों वालो को बता रही कि उसका पति उसकी सहमति नहीं लेता. और घर वाले इस मुद्दे पर गंभीर होने की बजाय हँस रहे होते हैं. मामा, ताऊ, मौसा सब कहते हैं कि यह सब विवाह के रोमांस का हिस्सा भर है.

ये मामूली बात नहीं. एक गंभीर बात है. समझ नहीं आता कि विवाह से पूर्व या विवाह के बाद भी घर की औरतों को घूर देने वाले बाहरी तत्वो से लड़ जाने वाले पिता चाचा, मौसा, मामा, जाने कैसे वैवाहिक बलात्कार पर संगीन चुप्पी साध लेते हैं.

इस कंडीशनिंग का ही परिणाम है कि फ्री सेक्स की साधारण सी बात पर भी इतना बवाल हो रहा है. फ्री मीन्स सहमति लेना. लेकिन शायद कूढ मगज समाज के वैवाहिक बलात्कार में इससे बाधा पड़ती हो...

फ्री मतलब सहमति‬, लेकिन इसे तोड़ा-मरोड़ा जा रहा. क्योंकि औरत को जिस दिन सेक्स में सहमति का हक पता चल जायेगा, उसी दिन उसी पल जबर संबंध बनाने के इनके फ्रीडम पर रोक लग जायेगी. इसीलिये जैसे ही औरत फ्री सेक्स (बिना दबाव के, सहमति से) की बात करती, वैसे ही औरत को सेक्स स्लेव्स बनाये रखने की इनकी साजिश और तेज हो जाती है.

फ्री को इसीलिये स्वछन्द संबंध बताकर बदनाम किया जा रहा. ताकि, खुद औरत ही इस मुहिम के खिलाफ़ हो जाये. सच कहूँ तो औरत की आजादी के सवाल पर अक्सर औरत को ही औरत से लड़ा देने की ये बहुत पुरानी चाल है. जो समझ चुकी है, वो सतर्क है. जो नहीं समझ पायी, वो अभी भी इनके बहकावे में आकर अनंत शोषण का शिकार बन जाती है. क्योकि, आपकी फ्रीडम से इनकी स्वछन्दता पर रोक लगाती है...

आपके फ्रीडम मतलब आपकी सहमति का हक, उनके फ्रीडम का मतलब उनके जबर का हक ..

खुद सोचे इसका अर्थ क्या है ?

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