Friday, January 18, 2019

स्त्री क्या है और वह क्या चाहती है ?



इस फोटो को देखकर कामुकता जाग्रत होगी
(जैसी जिसकी सोच है लेख पुरा पडें) उसके आधार पर इस फोटो को देखा जायेगा, आपके नजरिये में बदलाव जरूर आयेगा......................
स्त्री समस्त ब्रम्हाण्ड है
स्त्री से ही ये संसार है। स्त्री सृजन है
स्त्री जननी है। स्त्री सुख है
स्त्री आनंद है। स्री सहयोग है
स्त्री साथी है। स्त्री ज्ञान है
स्त्री अध्यात्म है। स्त्री उजाला है, रोशनी है
स्त्री उम्मीद है। स्त्री पवित्र है
स्त्री संगम है। स्त्री साथ है
स्त्री अहसास है। स्त्री आशा है
स्त्री जीवन है। स्त्री धूप में छाँव है
स्त्री थकान में राहत है। स्त्री प्रेम है
स्त्री पूजा है। स्त्री माँ है
स्त्री बहन है। स्त्री प्रेमिका है
स्त्री पत्नी है। स्त्री त्याग है
स्त्री इज्जत है। स्त्री सम्मान है
स्त्री शान है। स्त्री बलिदान है
फिर क्यों जल रही है स्त्री,
फिर क्यों मारी जा रही है स्त्री,
फिर क्यों घुट रही है स्त्री,
फिर क्यों शर्मसार हो रही है स्त्री,
फिर क्यों सरे बाजार लुट रही है स्त्री,
फिर क्यों नोचि जा रही है स्त्री,
फिर क्यों दहेज़ की सूली चढाई जा रही है स्त्री,
फिर क्यों ????????????😢😢😢😢😢
(इसके मुख्य कुछ कारण है अशिक्षा असामान्यता धर्म दिखावा खोखले रिती रीवाज
संस्कार, नजरिया, सोच, मानसिकता, झूठी शान)
अगर हमारे समाज में इनमे सुधार हो जाये, तो स्त्री खुदबखुद सुरक्षित हो जायेगी !!!!! आखिर वो भी जीना चाहती है।

स्त्री क्या चाहती है 

बेईज्जत करने वाले सब,
कोई इज्जत करने वाला होता 😢
वासना मिटाने वाले सब,
कोई प्रेम करने वाला होता 😢
नोचने वाले सब,
कोई सहजने वाला होता 😢
दुपट्टा उतारने वाले सब,
कोई डालने वाला होता 😢
मारने वाले सब 
कोई बचाने वाला होता 😢
मिटाने वाले सब,
कोई बनाने वाला होता 😢
दुःख देने वाले सब,
कोई मुस्कान देने वाला होता 😢
खुद को समझने वाले सब
कोई स्त्री को भी समझने वाला होता 😢
दहेज माँगनेवाले सब
कोई दुल्हन को ही दहेज़ समझने वाला होता 😢
(काश की ऐसा और ये सब होता, तो कोई संजली, निर्भया, सोनी, आसिफा, गुड़िया, रानी, बिटिया (अनगिनत स्त्रियां) 😭😭😭😭😭 न जलती न मरती सब होती) पर अफसोस, 😭😭😭😭😭😭😭😭😭💔
विनम्र निवेदन है, की अपनी सोच बदले, आखिर कब तक स्त्री ऐसे ही मरती रहेगी, और ये सब होता रहेगा 😭😭😭😭💔😭💔😭💔💔😭
(अपने बच्चों पर ध्यान दें, और उन्हें अच्छे संस्कार दें, उन्हें नैतिकता सिखाये, क्यों की भेड़िये, हैवान हमारे समाज के ही होते हैं , आज इस आधुनिकता के परिवेश में माँ पिता बच्चों को समय नही देते, या न दें पाते हैं , ये जो कुछ भी हमारे समाज में हो रहा हैं, उसका कारण कहीं न कहीं हम सब है, संस्कार है,
कब तक हम किसी सरकार को दोष देते रहेंगे, सरकार हमे संस्कार देने नही आयेगी, सरकार अपराध रोक सकती है, मुल्जिमो को सजा दे सकती है, न की हमारे नजरिये को बदल सकती है, न ही संस्कार दे सकती है, ये हमे खुद ही करना होगा,
अपने परिवार बच्चो को समय दे, अच्छे संस्कार दे, रोज की दिनचर्या जाने, बात करे,)
नारी के पेट से जन्म लिऐ फिर नारी का आपमान किया किस सूअर की पहचान है 
जो सूअर नारी का विरोध करते कभी शबरी माला मन्दिर में, उन सूअरों को एक बार भी याद नही रहता की वो सूअर जिस मॉ से पैदा हुये वो एक नारी है 
नारी ना होती तो तू ना होता हम ना होते ये मन्दिर ना होता ये देश ना होता।
नारी मान सम्मान है आभिमान है।
नारी से कोई ताकतवर नही होता नारी को कभी कमजोर ना समझो, कुत्तो नारी खुद मर्द को जन्म देती है लेकिन देश का आभिमान बनाये रखी है ।।।
।।नारी से पहचान है हमारी तुम्हारी ।
इस देश की ।।