Friday, August 18, 2017

बेटियां

मिट्टी की खुशबू सी होती हैं बेटियां,
घर की राज़दार होती है बेटियां,
बचपन हैं बेटियां, जवानी हैं बेटियां,
सत्यम शिवम सुंदरम सी होती हैं बेटियां,
फिर क्यों जला देते हैं ससुराल में बेटियां,
फिर क्यों ना बांटे खुशियाँ जब होती हैं बेटियां,
एक नहीं दो वंश चलाती हैं बेटियां,
फिर गर्भ में क्यों मार दी जाती हैं बेटियां?

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