[शायद नारियाँ इस बात को सहजता से स्वीकार नहीं करेंगी]
नारी पर दिनोदिन हो रहे अत्याचारो में,
नारी भी किसी ना किसी तरह से बराबर की गुनहगार है।
शायद कुछ नारियाँ इस बात को सहजता से स्वीकार नहीं करेंगी। जानती हूँ कि हर इंसान अपनी गलतियों को नहीं मानकर दूसरों में ही खामियाँ निकालने की कोशिश करता है।
जैसा कि हम देखते हैं #भ्रूण_हत्या के मामले किस कदर बढ़ते ही जा रहे हैं।
""इन मामलो में या तो किसी प्रकार की #नाजायज़_संतान की भ्रूण हत्या की जाती है, या फिर अनचाहे संतान की भ्रूण हत्या की जाती है।"
इस मामले में महिलाओं की भागीदारी से सब भलीभांति वाकिफ हैं।
""अगर आज की लड़कियाँ #नाजायज_सम्बन्ध ना बनाये तो नाजायज संतान की भ्रूण हत्या करने के मामले सामने ही नहीं आयेंगे।""
और अनचाहे संतान के मामलों में भी नारी बराबर की दोषी होती है। क्यूंकि वह एक नारी होते हुए भी यह नहीं चाहती कि उसकी जन्म लेने वाली संतान #लड़की पैदा हो।
इस डर से नारी भ्रूण जांच करवाती हैं और लड़की होने का पता लगते ही भ्रूण हत्या करवा देती हैं।
""अगर वो चाहे तो किसी की क्या मजाल कि कोई उसे भ्रूण हत्या के लिए बाध्य कर दे।।""
आजकल रोज ही हम समाज में देखते हैं या खबरों में सुनते हैं या पढ़ते हैं कि बलात्कार की घटनाओ को किस प्रकार अंजाम दिया जाता है।
""अगर इन मामलो की सत्यता देखी जाये तो अधिकतर मामलो में लडकियाँ भी कुछ हद तक बराबर की गुनहगार होती हैं।""
""अगर लडकियाँ ऐसी घटनाओं का विरोध करें या ऐसे गुनाह करने वालों को सबक सिखा दें, तो लोग गुनाह करने से पहले 💯 बार सोचने पर मजबूर हो जायेगें।""
पर ना जाने क्यों ज्यादातर लडकियाँ ऐसे मामलों का विरोध नहीं करती हैं जिससे गुनहगार की हिम्मत बढ़ जाती है और आये दिन ऐसी घटनाएं समाज में घटित होती हैँ।
मैं जानती हूँ कि जो लोग सच्चाई का सामना नहीं कर सकते हैं वोह मेरी इस पोस्ट पर कोई टिप्पणी ( Comments ) भी नहीं करेंगे फिर चाहे वो लड़की, हो या लड़के।